मुन्नर बाबा के दुख
मुन्नर बाबा कवनो जयोतिसी ना हउअन ना कथा बाँचेवाला पंडित। मुन्नर बाबा त S एगो साधारण गँवई हउअन। उनकी लगे दु-चारी कठा खेत बा , बस ओही में अझुराइल रहेने अउरी खाए-पीएभरी के कवनोगाँ उपजा लेने। मुन्नर बाबा के घर चमरटोली में बा अउरी इ चमरटोली गाँव की उत्तर में बा। गाँव में केहु की घरे विआह-उआह होखे उ मुन्नर बाबा के जरूर इयाद करेला। आ इयाद काहें ना करो भाई , जवले मुन्नर बाबा आपन टुमकी-नगाड़ा नाहीं ले के अइहें , माँगर कवनेगाँ पूजाई ? हम देखलेबानी की घर के मेहरारू गीत गावत पहिले मुन्नर बाबा की टुमकी-नगारा के पूजा करेनीकुली ओकरी बादे अउरी कवनो काम सुरु होला। कबो-कबो जब गाँव में एके समय दु-तीन घरे विआह-सादी पड़ी जाला त S मुन्नर बाबा सबकी घरे जा-जा के आपन टुमकी-नगाड़ा बजा देने। घर में से जब दुलहा अउरी ओकरी पीछे-पीछे गीत गावत मेहरारू निकलीहें कुली त S संगे-संगे मुनरो बाबा टिमटिमावत निकलिहें। कबो-कबो त S कवनो लइका मुन्नर बाबा से उनकर टुमकी-नगारा बजावे के माँगी अउरी लंठई में कस के बजा के फोड़ी दी त S मुन्नर बाबा खाली एतने कहिएँ की इ का कइल S ए बाबू। चल तोहरी घरे अब ओरहन दे तानी। सम्मती जरावे की